Sunday, 26 May 2019

133- ❣️ उद्बोधक उक्ति ❣️(प्रेरक विचार)


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❣️ उद्बोधक उक्ति ❣️(प्रेरक विचार)

✨ तेलुगु के एक सत कवि वेमना की उक्ति कितनी उद्बोधक है ✨

भूमि नादियन्ना भूमि पक्कुन नव्वु,
दानहीनु जूचि धनमु नव्वु ,
कदन भीतु जूचि कालुडु नव्वुरा,
 विश्वदाभिराम विनुर वेमा,

❦ विश्व को आनन्दित करनेवाले वेमना, सुनो । यदि कोई आदमी कहता है कि यह भूमि मेरी सम्पत्ति है, तो भूमि (उसकी मूर्खता पर) हसती है।  कजूस को देखकर धन (उसके अज्ञान पर कि यह धन यही रह जायेगा मूर्ख क्यो कजूसी कर रहा है ) हसता है और रण से डरकर भागनेवाले पर काल (मौत कही भी नहीं छोड़ेगी, फिर भाग क्यो रहा है) हसता है। ❦

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