अपना स्वभाव
सज्जन कष्ट और विपत्ति में भी अपनी सज्जनता नही छोड़ते और दुर्जन ऊँचे पद पर पहुचकर भी अपनी दुष्टता से बाज नहीं आते.
मैने देखा है-हीरा कीचड़ और मिट्टी में गिरकर भी अपनी चमक नही खोता, उसका वही मूल्य होता है. और धूल आकाश में ऊची चढकर भी कष्ट देती है अपना स्वभाव नही छोड़ती. इसीलिए कहा गया है -
जाको पड्यो स्वभाव जासी जीवसूँ
नीम न मीठा थाय सिचो गुड घीवसूँ
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