Wednesday, 12 September 2012

779_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

वास्तव में न तो कोई जीता है न कोई मरता है, केवल प्रकृति में परिवर्तन होता है। इस परिवर्तन में अपनी स्वीकृति तो जीवन लगता है और इस परिवर्तन में बिना इच्छा के खिंचा जाना, घसीटा जाना, जबरन उसको स्वीकार करना पड़े यह मौत जैसा लगता है।

वास्तव में मौत जैसा कुछ नहीं है।

 जा मरने ते जग डरे, मोरे मन आनन्द ।
 -Pujya asharam ji bapu

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