759_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
आत्म-ध्यान से, आत्म-चिन्तन से भोक्ता की बरबादी रुकती है। भोक्ता स्वयं आनंदस्वरूप परमात्मामय होने लगता है, परमात्मा होना क्या है.... अनादि काल से परमात्मा था ही, यह जानने लगता है।
-Pujya asharam ji bapu
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