730_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
बूँद-बूँद
से सरिता और
सरोवर बनते
हैं, ऐसे ही छोटे-छोटे
पुण्य
महापुण्य
बनते हैं । छोटे-छोटे
सदगुण समय
पाकर मनुष्य
में ऐसी महानता
लाते हैं कि
व्यक्ति
बन्धन और
मुक्ति के पार
अपने निज स्वरूप
को निहारकर
विश्वरूप हो
जाता है ।
-Pujya asharam ji bapu
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