संसार की तमाम वस्तुऐं सुखद हों या भयानक, वास्तव में तो तुम्हारी प्रफ़ुलता और आनंद के लिये ही प्रकृति ने बनाई हैं । उनसे ड़रने से क्या लाभ ? तुम्हारी नादानी ही तुम्हें चक्कर में ड़ालती है । अन्यथा, तुम्हें नीचा दिखाने वाला कोई नहीं । पक्का निश्चय रखो कि यह जगत तुम्हारे किसी शत्रु ने नहीं बनाया । तुम्हारे ही आत्मदेव का यह सब विलास है ।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu