Wednesday, 7 December 2011

30_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

काशी, मक्का, मदीना आदि तीर्थों में जाने से भी उतना नहीं मिलेगा जितना आत्मज्ञानी महापुरुष की दृष्टि तुम पर पड़ने से लाभ होगा। फिर तो तुम कह उठोगेः

कर सत्संग अभी से प्यारे, नहीं तो फिर पछताना है।
खिला पिलाकर देह बढ़ायी, वह भी अगन जलाना है।
पड़ा रहेगा माल खजाना, छोड़ त्रिया सुत जाना है।
कर सत्संग....
नाम दीवाना दाम दीवाना, चाम दीवाना कोई।
धन्य धन्य जो राम दीवाना, बनो दीवाना सोई।।
नाम दीवाना नाम न पायो, दाम दीवाना दाम न पायो
चाम दीवाना चामपायो, जुग जुग में भटकायो।।
राम दीवाना राम समायो......

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