Wednesday, 7 December 2011

29_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

साधक को चाहिये कि अपने लक्ष्य को दृष्टि में रखकर साधना-पथ पर तीर की तरह सीधा चला जाये | इधर देखे उधर | दृष्टि यदि इधर-उधर जाती हो तो समझना कि निष्ठा स्थिर नहीं है |

Pujya asharam ji bapu :-

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