Tuesday, 6 September 2016

1500_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

नामसंकीर्तन यस्य सर्वपापप्रणाशनम। प्रणामो दुःखशमनस्तं नमामि हरिं परम।।

जिन भगवान के नामों का संकीर्तन सारे पापों को सर्वथा नष्ट कर देता है और जिन भगवान के चरणों में आत्मसमर्पण, उनके चरणों प्रणाम सर्वदा के लिए सब प्रकार के दुःखों को शांत कर देता है, उन्हीं परमतत्त्वस्वरूप श्रीहरि को मैं नमस्कार करता हूँ।

Kali Santarana Upanishad

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...