Wednesday 25 April 2012

415_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

गम की अन्धेरी रात में दिल को न बेकरार कर।
सुबह जरूर आयेगी सुबह का इन्तजार कर।।
घबराहट से तुम्हारी योग्यता क्षीण हो जाती है। जब डर आये तो समझो यह पाप का द्योतक है। पाप की उपज डर है। अविद्या की उपज डर है। अज्ञान की उपज डर है। निर्भयता ज्ञान की उपज है। निर्भयता आती है इन्द्रियों का संयम करने से, आत्मविचार करने से। 'मैं देह नहीं हूँ.... मैं अमर आत्मा हूँ। एक बम ही नहीं, विश्वभर के सब बम मिलकर भी शरीर के ऊपर गिर पड़ें तो भी शरीर के भीतर का जो आत्मचैतन्य है उसका बाल बाँका भी नहीं होता। वह चैतन्य आत्मा मैं हूँ। सोऽहम्.... इस प्रकार आत्मा में जागने का अभ्यास करो। 'सोऽहम् का अजपाजाप करो। अपने सोऽहम् स्वभाव में टिको।
 Pujya Asharam Ji Bapu

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