Sunday, 6 April 2014

1185_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




आत्मज्ञानी के हुक्म से सूर्य प्रकाशता है | उनके लिये इन्द्र पानी बरसाता है | उन्हीं के लिये पवन दूत बनकर गमनागमन करता है | उन्हीं के आगे समुद्र रेत में अपना सिर रगड़ता है |

- JivanRasayan

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.