Friday, 24 May 2013
Thursday, 23 May 2013
Wednesday, 22 May 2013
1119_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
यदि तुमने
शरीर के साथ अहंबुद्धि
की तो तुममें
भय व्याप्त हो
ही जायेगा,
क्योंकि शरीर
की मृत्यु
निश्चित है।
उसका परिवर्तन
अवश्यंभावी
है। उसको तो
स्वयं ब्रह्माजी
भी नहीं रोक
सकते। परन्तु
यदि तुमने अपने
आत्मस्वरूप
को जान लिया,
स्वरूप में तुम्हारी
निष्ठा हो गयी
तो तुम निर्भय
हो गये,
क्योंकि
स्वरूप की
मृत्यु कभी
होती नहीं।
मौत भी उससे
डरती है।
-Pujya Asharam Ji Bapu
1118_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
गुरु से
फरियाद न करो,
उनके आगे
समर्पण करो।
फरियाद से तुम
उनसे लाभ लेने
से वंचित रह
जाओगे। उनका
हृदय तो ऐसा निर्मल
है कि जैसी
उनमें भावना करोगे,
वैसा ही लाभ
होगा। तुम
उनमें दोषदृष्टि
करोगे तो
दोषी बनोगे, गुणग्राहक
दृष्टि करोगे
तो उनके गुण
तुममें
आयेंगे और
उनको त्रिगुणातीत
मानकर उनके
आज्ञापालन
में चलोगे तो
स्वयं भी गुणों
से एक दिन पार
हो जाओगे।
-Pujya Asharam Ji Bapu
Tuesday, 21 May 2013
Monday, 20 May 2013
Sunday, 19 May 2013
Saturday, 18 May 2013
Friday, 17 May 2013
1110_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
ज्ञान के कठिनमार्ग पर चलते वक्त आपके सामने जब भारी कष्ट एवं दुख आयें तब आप उसे सुख समझो क्योंकि इस मार्ग में कष्ट एवं दुख ही नित्यानंद प्राप्त करने में निमित्त बनते है | अतः उन कष्टों, दुखों और आघातों से किसी भी प्रकार साहसहीन मत बनो, निराश मत बनो | सदैव आगे बढ़ते रहो | जब तक अपने सत्यस्वरूप को यथार्थ रूप से न जान लो, तब तक रुको नहीं |
-Pujya Asharam Ji Bapu
Thursday, 16 May 2013
Wednesday, 15 May 2013
Tuesday, 14 May 2013
Monday, 13 May 2013
Sunday, 12 May 2013
Saturday, 11 May 2013
Friday, 10 May 2013
1096_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
'श्री सुखमनी
साहिब' में ब्रह्मज्ञानी
की महिमा का
वर्णन करते
हुए कहा गया
हैः
ब्रह्म गिआनी
का कथिआ न जाइ अधाख्यरु।।
ब्रह्म गिआनी
सरब का ठाकुरु।।
ब्रह्म गिआनी
कि मिति कउनु
बखानै।।
ब्रह्म गिआनी
की गति ब्रह्म
गिआनी जानै।।
'ब्रह्मज्ञानी के बारे
में आधा अक्षर
भी नहीं कहा
जा सकता है।
वे सभी के
ठाकुर हैं।
उनकी मति का
कौन बखान करे? ब्रह्मज्ञानी
की गति को
केवल ब्रह्मज्ञानी
ही जान सकते
हैं।'
ऐसे ब्रह्म
ज्ञानी के,
ऐसे अनंत-अनंत
ब्रह्माण्डों
के शाह के
व्यवहार की
तुलना किस
प्रकार, किसके
साथ की जाय?