Sunday, 19 May 2013

1114_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

मनुष्य जैसा सोचता है वैसा हो जाता है। मन कल्पतरू है। अतः सुषुप्त दिव्यता को, दिव्य साधना से जगाओ। अपने में दिव्य विचार भरो।
-Pujya Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.