Saturday, 18 May 2013

1113_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

 "हे रामजी ! फूल और पत्ते को मसलने में देर है, अपने स्वरूप को देखने में क्या देर है ?"
 (श्री वशिष्ठजी महाराज)

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