Sunday, 13 January 2013

1012_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

एक बम ही नहीं, विश्वभर के सब बम मिलकर भी शरीर के ऊपर गिर पड़ें तो भी शरीर के भीतर का जो आत्मचैतन्य है उसका बाल बाँका भी नहीं होता। वह चैतन्य आत्मा मैं हूँ। सोऽहम्.... इस प्रकार आत्मा में जागने का अभ्यास करो। 
 -Pujya Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.