Tuesday, 11 October 2011

Pujya asaram ji bapu (प्रातःस्मरणीय पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू)

 ज्ञान के कठिनमार्ग पर चलते वक्त आपके सामने जब भारी कष्ट एवं दुख आयें तब आप उसे सुख समझो क्योंकि इस मार्ग में कष्ट एवं दुख ही नित्यानंद प्राप्त करने में निमित्त बनते है | अतः उन कष्टों, दुखों और आघातों से किसी भी प्रकार साहसहीन मत बनो, निराश मत बनो | सदैव आगे बढ़ते रहो | जब तक अपने सत्यस्वरूप को यथार्थ रूप से जान लो, तब तक रुको नहीं |
प्रातः स्मरणीय परम पूज्य  संत श्री आसारामजी बापू   :-

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