Sunday 18 March 2012

319_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

तीरथ नहाये एक फल संत मिले फल चार।
सदगुरू मिले अनन्त फल कहे कबीर विचार।।
तीर्थ में स्नान करो तो पुण्य बढ़ेगा। संत का सान्निध्य मिले तो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चारों के द्वार खुल जाएँगे। वे ही संत जब सदगुरू के रूप में मिल जाते हैं तो उनकी वाणी हमारे हृदय में ऐसा गहरा प्रभाव डालती है कि हम अपने वास्तविक 'मैं' में पहुँच जाते हैं।
Pujya Asharam Ji Bapu





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