Monday, 28 November 2016
1534 ❘❘ Pujya Asaram Bapu Ji ❘❘ समरूपता ❀
Pujya Asaram Bapu Ji Hd Wallpaper
इन तीनों को एक जानों ❘❘ Pujya Asaram Bapu Ji ❘❘
‘यह’ (संसार) और ‘वह’ (परमात्मा) और ‘मैं’ इन तीनोंको एक समझो क्योंकि जो जिसमें
उत्पन्न होकर जिसमें स्थित रहता है और अन्तमें उसमें ही लय हो जाता है, वह वास्तवमें वही होता
है।
- Pujya Sant Shri Asaram Bapu
Ji
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