Saturday, 3 September 2016

1497_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

अड़सठ तीरथ जो फिरे, कोटि यज्ञ व्रत दान।
ʹसुंदरʹ दरसन साधु के, तुलै नहीं कछु आन।।

चाहे अड़सठ तीर्थ कर लो, चाहे करोड़ों यज्ञ, व्रत और दान ही क्यों न कर लो किंतु ये सब मिलकर भी संत दर्शन की बराबरी नहीं कर सकते। ऐसी दिव्य महिमा है संत दर्शन की !

संत सुंदरदासजी

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