Sunday, 28 August 2016

1491_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

आत्मज्ञान

जब ऐच्छिक अनुशासन और एकाग्रता के द्वारा अपने मन की
निर्मलता बढ़ती है तब भावातीत चेतना के प्रतिबिम्ब के रूप
में ज्ञान का आविष्कार होता है। 


 -Sri Swami Sivananda Saraswati

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.