Saturday, 23 July 2016

1456_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जैसे स्वप्न-जगत जाग्रत होने के बाद मिथ्या लगता है वैसे ही यह जाग्रत जगत अपने आत्मदेव को जानने से मिथ्या हो जाता है। जिसकी सत्ता लेकर यह जगत् बना है अथवा भासमान हो रहा है उस आत्मा को जान लेने से मनुष्य जीवन्मुक्त हो जाता है।गहरी वास्तविकता में तुम आत्मा हो, ईश्वर हो, सर्वशक्तिमान हो। सतगुरु यह सत्य तुम्हारे जीवन में प्रगट होने की प्रतीक्षा कर रहें है।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

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