Wednesday, 4 May 2016

1437_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

~~~~ नित्यावतार ~~~~

परमात्मा के नित्यावतारूप ज्ञानी महात्मा के दर्शन तो कई लोगों को हो जाते है लेकिन उनकी वास्तविक पहचान सब को नहीं होती, इससे वे लाभ से वंचित रह जाते हैं। 
महात्मा के साक्षात्कार के लिए हृदय में अतुलनीय श्रद्धा और प्रेम के पुष्पों की सुगन्ध चाहिए।

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