Thursday, 28 April 2016

1431_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

~~~~~ वैराग्यरागरसिको भवः ~~~~~~

उठ जाओ और वैराग्य का आश्रय लो। जैसे साईकल के पहिए निकाल दो तो साईकल चलना मुश्किल है ऐसे ही जीवन से अभ्यास और वैराग्य हटा दो तो प्रभु की यात्रा होना मुश्किल है।

अतः तुम ध्यान का अभ्यास करो और विवेक के साथ अपने भीतर छुपे हुए वैराग्य को जगाकर वैराग्य में ही राग रखो। वैराग्यरागरसिको भवः। संसार के राग से बचकर प्रभु परायण हो जाओ।



-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

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