Friday, 22 April 2016

1425_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


है माना मेरे दाता तुम्हारी हस्ती जमींन से आशमान तक है
मगर देखना अब मुझे ..
मेरे नजर कहाँ तक है..

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