Friday, 13 November 2015

1363_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




विवेक के घटक

अपने गुरू के प्रति अदा की हुई सेवा नैतिक फर्ज है, आध्यात्मिक ‘टॉनिक’ है। उससे मन एवं हृदय दैवी गुणों से भरपूर बनते हैं, पुष्ट बनते हैं।गुरू के प्रति अपने छोटे छोटे कर्त्तव्य निभाने में भी सतर्क रहो। आपको बहुत आनन्द एवं शान्ति की प्राप्ति होगी।

 - Sri Swami Sivananda
Guru  Bhakti Yog, Sant Shri Asharamji Ashram

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