Tuesday, 9 December 2014

1282_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



गुणग्राहि बने..

"हे रामजी ! संत में एक भी सदगुण दिखे तो लाभ ले लें। उनमें दोष देखना और सुनना अपने को मुक्तिफल से वंचित करके अशांति की आग में झोंकने के बराबर है।

'श्री योगवाशिष्ठ महारामायण'

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