Sunday, 9 November 2014

1273_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




~~~~~~   हो गई रहेमत तेरी......  ~~~~~~~

हे प्यारे सदगुरू परमात्मा ! मुझे अपनी आत्म-मस्ती में थाम लो। मैं संसारियों के अज्ञान में कहीं बदल न जाऊँ। मोह-ममता में कहीं फिसल न जाऊँ।


जेसीं जिय  जान रहे जेसीं तन में प्राण रहे।

प्रीत संधी डोरी तो पासे सरधी रहे।।

डप आहे मुखे इहो वञ्जों मतां तो खां मां विछड़ी।

अञां प्रीत संधी डोरी सजण आहे कचड़ी।।

जोरसां जलजा अञां नंढडो ही बालक।।

तब तक जी में जान है, तन में प्राण है तब तक मेरी साधना की डोरी, मेरी प्रीति की डोरी तेरी तरफ सरकती रहे... सरकती रहे....।

इस बात का तू ख्याल रखना।

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