Saturday, 4 October 2014

1256_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



~~~~~  एकाग्रता से आत्मशाँति  ~~~~
पुरुष यह चिन्तन करने लगे की सुख-दुःख सब आने-जानेवाला है, मन, बुद्धि, इन्द्रियाँ ये सब प्रकृति के हैं, उसको देखनेवाला मैं असंगो अयं पुरुषः केवल निर्गुणश्च तो क्यों वह सफल नहीं होगा?
इस प्रकार एकाग्रता को तत्त्वज्ञान में ले जाओ तो बेड़ा पार हो जाये।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

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