Thursday, 2 October 2014
1254_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
संसार कल्पित मानता, नहीं भोग में अनुरागता।
सम्पत्ति पा नहीं हर्षता, आपत्ति से नहीं भागता॥
निज आत्म में संतृप्त है, नहीं देह का अभिमान है।
ऐसे विवेकी के लिए, सब हानि-लाभ समान है॥
- भोला बाबा
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