अपमान तो तुम्हारी आत्म ज्योति को जाग्रत करने वाला है ।तुम्हारी विस्मृति को नष्ट करके स्मृति को ताजी बनाने वाला है ।अपमान क्षोभ का नही ,प्रसाद का जनक है ।अपमान होते ही प्रसन्ता से खिल उठना चाहिए कि मेरी स्मृति ताजी करने के लिए साक्षात भगवान स्वयं आये है ,महान सौभाग्य है ।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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