Tuesday, 10 June 2014

1222_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



ज्ञानी को शत्रु से द्वेष नहीं, मित्र से राग
नहीं । ज्ञानी को मौत का भय नहीं,नाश 
का ड़र नहीं, जीने की वासना नहीं, सुख
की इच्छा नहीं और दुख से द्वेष नहीं
क्योंकि वह जानता है यह सब मन में
रहता है और मन एक मिथ्या कल्पना है ।

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.