Wednesday, 17 April 2013

1070_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

एकान्तवासो लघुभोजनादि । मौनं निराशा करणावरोधः।।
मुनेरसोः संयमनं षडेते । चित्तप्रसादं जनयन्ति शीघ्रम् ।।
'एकान्त में रहना, अल्पाहार, मौन, कोई आशा न रखना, इन्द्रिय-संयम और प्राणायाम, ये छः मुनि को शीघ्र ही चित्तप्रसाद की प्राप्ति कराते हैं।'
एकान्तवास, इन्द्रियों को अल्प आहार, मौन, साधना में तत्परता, आत्मविचार में प्रवृत्ति... इससे कुछ ही दिनों में आत्मप्रसाद की प्राप्ति हो जाती है।

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