Sunday, 7 April 2013

1058_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

इन्द्रियार्थेषु वैराग्यं अनहंकार एव च ।
जन्ममृत्युजराव्याधिदु:खदोषानुदर्शन्म्॥

इन्द्रिय विषयों में विरक्त, अहंकार का अभाव, जन्म, मृत्यु, जरा और रोग आदि में दु:ख और दोषों को देखना (यह ज्ञान है) ।

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