1035_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
जिसने एक
बार भी इस
ब्रह्मविद्या
को जान लिया,
उसे मरने वाले
शरीर में ʹमैंʹ
बुद्धि नहीं
रहती, दुःख
उसे चोट नहीं
पहुँचा सकते,
सुख आकर्षित
नहीं कर सकते।
जिसे वाणी
बयान नहीं कर
सकती उस
परमात्म पद
में वह
प्रतिष्ठित
हो जाता है।
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