Thursday, 24 January 2013

1027_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




आत्मा परमात्मा विषयक ज्ञान प्राप्त करके नित्य आत्मा की भावना करें। अपने शाश्वत स्वरूप की भावना करें। अपने अन्तर्यामी परमात्मा में आनन्द पायें। अपने उस अखण्ड एकरस में, उस आनन्दकन्द प्रभु में, उस अद्वैत-सत्ता में अपनी चित्तवृत्ति को स्थापित करें।
 -Pujya Asharam Ji Bapu

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