Sunday, 6 January 2013

1006_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जीवन में ऐसे कर्म किये जायें कि एक यज्ञ बन जाय। दिन में ऐसे कर्म करो कि रात को आराम से नींद आये। आठ मास में ऐसे कर्म करो कि वर्षा के चार मास निश्चिन्तता से जी सकें। जीवन में ऐसे कर्म करो कि जीवन की शाम होने से पहले जीवनदाता से मुलाकात हो जाय। ये सब कर्म यज्ञार्थ कर्म कहे जाते हैं।
 -Pujya Asharam Ji Bapu

1 comment:

  1. wah re jogi................................................................................................................................................................................................................

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