Monday, 3 December 2012

946_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

शरीर की आवश्यकता पूरी करने के लिए पुरूषार्थ करना हाथ-पैर चलाना, काम करना, इसकी मनाही नहीं है। लेकिन इसके पीछे अन्धी दौड़ लगाकर अपनी चिन्तनशक्ति नष्ट कर देना यह बहुत हानिकारक है।
 -Pujya Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.