Sunday, 25 November 2012

933_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

इच्छा मात्र, चाहे वह राजसिक हो या सात्त्विक हो, हमको अपने स्वरूप से दूर ले जाती है। ज्ञानवान इच्छारहित पद में स्थित होते हैं। चिन्ताओं और कामनाओं के शान्त होने पर ही स्वतंत्र वायुमण्डल का जन्म होता है।
 -Pujya Asharam Ji Bapu

2 comments:

  1. HARI OM GURUBHAI...

    I VISIT YOUR BLOG DAILY...AND I REALLY LIKE THE WALLPAPERS OF PUJYA GURUDEV THAT YOU PUBLISH..

    BUT THE PREVIOUS THEME WAS BETTER..

    IN THIS NEW THEME, IN ORDER TO VIEW THE ENLARGED IMAGE WE HAVE TO CLICK ON READ MORE AND GO BACK AGAIN, WHICH WAS NOT AN ISSUE IN LAST THEME..

    PLEASE TRY TO MAKE IT MORE USER FRIENDLY..

    OM OM

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    Replies
    1. मित्र ब्लॉग के राईट में सबसे उपर rss का एक मार्क है उस पर क्लीक करे आप को पोस्ट देखने में यक़ीनन सुविधा होगी .
      http://feeds.feedburner.com/pyaresatguruji.blogspot.in
      दूसरा उपाय यह है की राईट हैण्ड पर निचे blog archive है उस पर इस महीने पर क्लीक करे आप इस महीने की सारी पोस्ट एक साथ देख सकता है .
      hari om mitr.

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