Thursday, 15 November 2012

915_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

हरिरस को, हरिज्ञान को, हरिविश्रान्ति को पाये बिना जिसको बाकी सब व्यर्थ व्यथा लगती है, ऐसे साधक की अनन्य भक्ति जगती है।
-Pujya Asharam Ji Bapu

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