Sunday, 11 November 2012

911_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


प्रार्थना और पुकार से भावनाओं का विकास होता है, प्राणायाम से प्राण बल बढ़ता है, सेवा से क्रियाबल बढ़ता है और सत्संग से समझ बढ़ती है। ऊँची समझ से सहज समाधि अपना स्वभाव बन जाता है।
-Pujya Asharam Ji Bapu

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