Wednesday, 26 September 2012

803_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

स्वयं को अन्य लोगों की आँखों से देखना, अपने वास्तविक स्वरूप को न देखकर अपना निरीक्षण अन्य लोगों की दृष्टि से करना, यह जो स्वभाव है वही हमारे सब दुःखों का कारण है |

-Pujya asharam ji bapu

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