Saturday, 15 September 2012

785_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

राग जहाँ भी आपने लगाया वहाँ दुःख दिये बिना नहीं छोड़ेगा। जब-जब भय आता है, दुःख आता है, चिन्ता आती है, कुछ भी कष्ट आता है, आपत्ति आती है तो समझना चाहिए कि हमारे राग को भय हुआ है, हमारे राग को चिन्ता हुई है, हमारे राग को क्रोध हुआ है, हमारे राग को द्वेष हुआ है, हमारे राग के कारण अशान्ति हुई है यह बात समझकर यदि आप उस राग से सम्बन्ध विच्छेद करें तो उसी समय आप राग रहित परमात्मा में पहुँच जाएँगे।
-Pujya asharam ji bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.