Sunday, 12 August 2012

730_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

बूँद-बूँद से सरिता और सरोवर बनते हैं, ऐसे ही छोटे-छोटे पुण्य महापुण्य बनते हैं । छोटे-छोटे सदगुण समय पाकर मनुष्य में ऐसी महानता लाते हैं कि व्यक्ति बन्धन और मुक्ति के पार अपने निज स्वरूप को निहारकर विश्वरूप हो जाता है
-Pujya asharam ji bapu

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