Tuesday, 31 July 2012

Monday, 30 July 2012

711_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

कर्म ऐसे करें कि कर्म विकर्म न बनें, दूषित या बंधनकारक न बनें, वरन् अकर्म में बदल जायें, कर्ता अकर्ता हो जाय और अपने परमात्म-पद को पा लें।
 - Pujya Asharam Ji Bapu

710_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

है माना मेरे दाता तेरी हस्ती जमींन से आंसमांन तक है
मगर देखना अब मुझे ..
मेरे नज़र कहाँ तक है ...

709_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

आप कर्म करने में सावधान रहो। ऐसे कर्म न करो जो आपको बाँधकर नरकों में ले जायें। किंतु अभी जो पूर्वकर्मों का फल मिल रहा है, उसमें आप प्रसन्न रहो।
जो बीत गयी सो बीत गयी, तकदीर का शिकवा कौन करे?
जो तीर कमान से निकल गया, उस तीर का पीछा कौन करे?
- Pujya Asharam Ji Bapu 

Sunday, 29 July 2012

708_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

तू मुझे अपना उर आँगन दे दे, मैं अमृत की वर्षा कर दूँ ।

            तुम गुरु को अपना उर-आँगन दे दो। अपनी मान्यताओं और अहं को हृदय से निकालकर गुरु से चरणों में अर्पण कर दो। गुरु उसी हृदय में सत्य-स्वरूप प्रभु का रस छलका देंगे। 
- Pujya Asharam Ji Bapu

707_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

हे वत्स !
उठ.... ऊपर उठ।
प्रगति के सोपान एक के बाद एक
तय करता जा।
दृढ़ निश्चय कर कि
'अब अपना जीवन
दिव्यता की तरफ लाऊँगा।
- Pujya Asharam Ji Bapu

706_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

अपने स्व-स्वरूप को समाज में बाँटकर, सबको आत्मानंद का अमृत चखानेवाले ज्ञानी महादानी हो जाते हैं।
- Pujya Asharam Ji Bapu

Saturday, 28 July 2012

Raksha Bandhan Ki Hardik Badhai

भगवान का अनमोल उपहार है .....  बहन 

Raksha Bandhan Ki Hardik Badhai

703_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

शास्त्र में आता हैः
देवाधीनं जगत्सर्वं मंत्राधीनाश्च देवताः।
'सारा जगत भगवान के अधीन है और भगवान मंत्र के अधीन हैं।"

702_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जिस प्रकार धुआँ सफेद मकान को काला कर देता है, उसी प्रकार विषय-विकार एवं कुसंग नेक व्यक्ति का भी पतन कर देते है
- Pujya Asharam Ji Bapu

Friday, 27 July 2012

701_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

ऐसे लोगों से सम्बन्ध रखो कि जिससे आपकी सहनशक्ति बढ़े, समझ की शक्ति बढ़े, जीवन में आने वाले सुख-दुःख की तरंगों का आपके भीतर शमन करने की ताकत आये, समता बढ़े, जीवन तेजस्वी बने |
 - Pujya Asharam Ji Bapu

700_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

यदि आप अपने आत्मस्वरूप को परमात्मा समझो और अनुभव करो तो आपके सब विचार मनोरथ सफल होंगे, उसी क्षण पूर्ण होंगे
 - Pujya Asharam Ji Bapu

Thursday, 26 July 2012

699_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


आप अपने पर कदापि अविश्वास मत करो | इस जगत में आप सब कुछ कर सकते हो | अपने को कभी दुर्बल मत मानो | आपके अन्दर तमाम शक्तियाँ छुपी हुई हैं |
 - Pujya Asharam Ji Bapu

698_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

सदैव सम और प्रसन्न रहना ईश्वर की सर्वोपरि भक्ति है |
- Pujya Asharam Ji Bapu 

Wednesday, 25 July 2012

697_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

 जिनके आगे प्रिय-अप्रिय, अनुकूल-प्रतिकूल, सुख-दुःख और भूत-भविष्य एक समान हैं ऐसे ज्ञानी, आत्मवेत्ता महापुरूष ही सच्चे धनवान हैं |

- Pujya Asharam Ji Bapu

696_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

 जो दूसरों का सहारा खोजता है, वह सत्यस्वरूप ईश्वर की सेवा नहीं कर सकता |
 - Pujya Asharam Ji Bapu

Tuesday, 24 July 2012

695_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


प्रसादे सर्वदुःखानां हानिरस्योपजायते।
प्रसन्नचेतसो ह्याशु बुद्धिः पर्यवतिष्ठते।।
अन्तःकरण की प्रसन्नता होने पर इसके सम्पूर्ण दुःखों का अभाव हो जाता है और उस प्रसन्न चित्तवाले योगी की बुद्धि शीघ्र ही सब ओर से हटकर एक परमात्मा में ही भली भाँति स्थिर हो जाती है।
श्रीहरि

694_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

तुझमें राम मुझमें राम सबमें राम समाया है।
कर लो सभी से प्यार जगत में कोई नहीं पराया है।।

Sunday, 22 July 2012

693_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

कदम अपना आगे बढ़ाता चला जा......

कदम अपना आगे बढ़ाता चले जा। सदा प्रेम के गीत गाता चला जा।।
तेरे मार्ग में वीर! काँटे बड़े हैं। लिए तीर हाथों में वैरी खड़े हैं।
बहादुर सबको मिटाता चला जा। कदम अपना आगे बढ़ाता चला जा।।
तू है आर्यवंशी ऋषिकुल का बालक। प्रतापी यशस्वी सदा दीनपालक।
तू संदेश सुख का सुनाता चला जा। कदम अपना आगे बढ़ाता चला जा।।
भले आज तूफान उठकर के आयें। बला पर चली आ रही हो बलाएँ।
युवा वीर है दनदनाता चला जा। कदम अपना आगे बढ़ाता चला जा।।
जो बिछुड़े हुए हैं उन्हें तू मिला जा। जो सोये पड़े हैं उन्हें तू जगा जा।
तू आनंद डंका बजाता चला जा। कदम अपना आगे बढ़ाता चला जा।।

692_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

सदा शान्त वृत्ति धारण करने का अभ्यास करो। विचारवन्त एवं प्रसन्न रहो। जीवमात्र को अपना स्वरूप समझो। सबसे स्नेह रखो। दिल को व्यापक रखो।
- Pujya Asharam Ji Bapu

691_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

निष्काम भाव से यदि परोपकार के कार्य करते रहेंगे तो  मन की मलिनता दूर हो जायेगी । यह प्रकृति का अटल नियम है । इसलिए परोपकार के कार्य निष्काम भाव से करने के लिये सदैव तत्पर रहें ।
 - Pujya Asharam Ji Bapu

690_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

यदि मन मैला हो प्रिय ! सब ही मैला होय् ।
तन धोये से मन कभी साफ-स्वच्छ न होय ॥

Saturday, 21 July 2012

689_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जिसने अपना मन जीत लिया, उसने समस्त जगत को जीत लिया । वह राजाओं का राजा है सम्राटों का भी सम्राट है ।
 - Pujya Asharam Ji Bapu

688_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

दूसरों से मिलजुलकर काम वही कर सकता है जो अपने अहंकार को दूसरों पर नहीं लादता |
- Pujya Asharam Ji Bapu

Friday, 20 July 2012

687_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

  इस सम्पूर्ण जगत को पानी के बुलबुले की तरह क्षणभंगुर जानकर तुम आत्मा में स्थिर हो जाओ |

- Pujya Asharam Ji Bapu

Thursday, 19 July 2012

686_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जागो.... उठो.... अपने भीतर सोये हुए निश्चयबल को जगाओ। सर्वदेश, सर्वकाल में सर्वोत्तम आत्मबल को अर्जित करो। आत्मा में अथाह सामर्थ्य है।
- Pujya Asharam Ji Bapu

Wednesday, 18 July 2012

685_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

कोई काम का दीवाना, कोई दाम का दीवाना, कोई चाम का दीवाना, कोई नाम का दीवाना, लेकिन कोई कोई होता है जो राम का दीवाना होता है।
दाम दीवाना दाम न पायो। हर जन्म में दाम को छोड़कर मरता रहा। चाम दीवाना चाम न पायो, नाम दीवाना नाम न पायो लेकिन राम दीवाना राम समायो।
- Pujya Asharam Ji Bapu

684_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जिस प्रकार अग्नि में दाहकशक्ति स्वाभाविक है, उसी प्रकार भगवन्नाम में पाप को, विषय-प्रपंचमय जगत के मोह को जला डालने की शक्ति स्वाभाविक है।
 - Pujya Asharam Ji Bapu

683_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जिस तरह की लगन स्त्री-सुख में होती है, जिस तरह की लगन प्रेमी अपनी प्रेमिका में रखता है ठीक ऐसी ही लगन, ऐसी ही प्रीति अगर प्रभु चरणों में हो जाये तो आदमी प्रतीति से निकलकर प्राप्ति रूप परमात्मा में स्थिर हो सकता है।
- Pujya Asharam Ji Bapu

Tuesday, 17 July 2012

682_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

चातक मीन पतंग जब पिया बन नहीं रह पाय।
साध्य को पाये बिना साधक क्यों रह जाय ?

681_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

वासना-तृप्ति के लिए जो कर्म किया जाता है वह कर्त्ता को बाँधता है। वासना-निवृत्ति के लिए जो यज्ञार्थ कर्म किये जाते हैं वे कर्त्ता को मुक्त स्वभाव में जगा देते हैं।
- Pujya Asharam Ji Bapu

680_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

कर्म में अगर यज्ञबुद्धि आ जाय, कर्म में अगर उदारता आ जाय, स्नेह आ जाय तो वह कर्म कर्त्ता को अपने स्वरूप का मान करा देता है।
- Pujya Asharam Ji Bapu

Monday, 16 July 2012

679_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

बड़ी शुखकारी हितकारी है गुरु की ये नज़रियाँ 

678_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

बुद्धि का फल है भोगों में और संसार की घटनाओं में आग्रह नहीं रहना। बड़ा सिद्ध हो, त्रिकाल ज्ञानी हो लेकिन हेय और उपादेय बुद्धि हो तो वह तुच्छ है।
 - Pujya Asharam Ji Bapu

Sunday, 15 July 2012

677_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

इच्छा की निवृत्ति से मन शांत होता है और आनंद मिलता है। अतः इच्छाओं और वासनाओं का त्याग करो तो मन शांत होगा तथा अक्षय आनंद की प्राप्ति होगी।

676_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

मनुष्य निष्काम कर्म करता है उसे आत्मा में प्रीति होती है, उसे संसार से वैराग्य उपजता है और वैराग्य की अग्नि से उसके सारे पाप तथा कुसंस्कार जल जाते हैं।
-Pujya Asharam Ji Bapu 

675_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

सदैव भलाई के कार्य करते रहो एवं दूसरों को भी अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करो। ऐसा कोई भी काम न करो, जिसे करने से तुम्हारा मन मलिन हो। यदि नेक कार्य करते रहोगे तो भगवान तुम्हें सदैव अपनी अनन्त शक्ति प्रदान करते रहेंगे।
 Pujya Asharam Ji Bapu

Saturday, 14 July 2012

674_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

आत्मज्ञान में प्रीति, निरन्तर आत्मविचार और सत्पुरूषों का सान्निध्य' – यही आत्म-साक्षात्कार की कुँजियाँ हैं
 -Pujya Asharam Ji Bapu

673_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

कोई भी चिन्ता किये बिना जो प्रभु में मस्त रहता है वह सहनशील है, वह साधुबुद्धि है
 'हम राम के थे, राम के हैं और राम के ही रहेंगे। ॐ राम..... ॐ राम.... ॐ राम....।'

-Pujya Asharam Ji Bapu 

Friday, 13 July 2012

672_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

आत्म-भाव में आने मात्र से भय, शोक, चिन्ता, मुसीबत, पापरूपी चोर पलायन हो जाते हैं। आत्म-ध्यान में गोता लगाने से कई जन्मों के कर्म कटने लगते हैं।
 -Pujya Asharam Ji Bapu

671_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

यदि आप संसार के प्रलोभनों एवं धमकियों से न हिलें तो संसार को अवश्य हिला देंगे | इसमें जो सन्देह करता है वह मंदमति है, मूर्ख है |
 -Pujya Asharam Ji Bapu

Thursday, 12 July 2012

670_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

अपने को दीन-हीन मान बैठे तो विश्व में ऐसी कोई सत्ता नहीं जो तुम्हें ऊपर उठा सके। अपने आत्मस्वरूप में प्रतिष्ठित हो गये तो त्रिलोकी में ऐसी कोई हस्ती नहीं जो तुम्हें दबा सके।
Pujya Asharam Ji Bapu

669_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

रूचि को पोसना नहीं है, निवृत्त करना है। रूचि निवृत्त हो गई तो काम बन गया, फिर ईश्वर दूर नहीं रहेगा।ईश्वर तो अपना आपा है, अपना स्वरूप है।
Pujya Asharam Ji Bapu

668_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

हरिरस को, हरिज्ञान को, हरिविश्रान्ति को पाये बिना जिसको बाकी सब व्यर्थ व्यथा लगती है, ऐसे साधक की अनन्य भक्ति जगती है। जिसकी अनन्य भक्ति है भगवान में, जिसका अनन्य योग हो गया है उसको जनसंपर्क में रूचि नहीं रहती। सामान्य इच्छाओं को पूर्ण करने में, सामान्य भोग भोगने में जो जीवन नष्ट करते है, ऐसे लोगों में सच्चे भक्त को रूचि नहीं होती।
 Pujya Asharam Ji Bapu

Wednesday, 11 July 2012

667_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

इच्छा मात्र, चाहे वह राजसिक हो या सात्त्विक हो, हमको अपने स्वरूप से दूर ले जाती है। ज्ञानवान इच्छारहित पद में स्थित होते हैं। चिन्ताओं और कामनाओं के शान्त होने पर ही स्वतंत्र वायुमण्डल का जन्म होता है।
 Pujya Asharam Ji Bapu

666_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

मेरा रोम-रोम संतों की, गुरू की कृपा और करूणा से पवित्र हो रहा है। आनन्दोऽहम्..... शान्तोऽहम्..... शुद्धोऽहम्..... निर्विकल्पोऽहम्.... निराकारोऽहम्। मेरा चित्त प्रसन्न हो रहा है।
 Pujya Asharam Ji Bapu

Tuesday, 10 July 2012

665_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

बीते हुए समय को याद न करना, भविष्य की चिन्ता न करना और वत्तर्मान में प्राप्त सुख-दुःखादि में सम रहना ये जीवनमुक्त पुरुष के लक्षण हैं ।
 Pujya Asharam Ji Bapu

664_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


ओ मानव ! तू ही अपनी चेतना से सब वस्तुओं को आकर्षक बना देता है ।
अपनी प्यार भरी दृष्टि उन पर डालता है, तब तेरी ही चमक उन पर चढ़
जाती है औरःफिर तू ही उनके प्यार में फ़ँस जाता है ।

Pujya Asharam Ji Bapu