Monday, 30 July 2012

711_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

कर्म ऐसे करें कि कर्म विकर्म न बनें, दूषित या बंधनकारक न बनें, वरन् अकर्म में बदल जायें, कर्ता अकर्ता हो जाय और अपने परमात्म-पद को पा लें।
 - Pujya Asharam Ji Bapu

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