Friday, 6 July 2012

651_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जो साधक या शिष्य गुरुकृपा प्राप्त होने के बाद भी उसका महत्त्व ठीक से न समझते हुए
गहरा ध्यान नहीं करते, अन्तर्मुख नहीं होते और बहिर्मुख प्रवृत्ति में लगे रहते हैं वे मूर्ख है
और भविष्य में अपने को अभागा सिद्ध करते हैं।

Pujya Asharam Ji Bapu

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