Monday, 18 June 2012

612_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

यदि सुख भोगना चाहते हो तो मन, बुद्धि और इन्द्रियों को अपने दास बनाओ। उनके अधीन होकर अपना अमूल्य जीवन नष्ट मत करो।
धिक्कार है उस अर्थ को, धिक्कार है उस कर्म को।
धिक्कार है उस काम को, धिक्कार है उस धर्म को।।
जिससे न होवे शांति, उस व्यापार में क्यों सक्त हो।
पुरूषार्थ अंतिम सिद्ध कर, मत भोग में आसक्त हो।।
इसलिए जो व्यक्ति सुख का इच्छुक है, उसे अपने मन को विषयों से हटाकर अपने वश में रखने का उद्यम करना चाहिए।

Pujya Asharam Ji Bapu 

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