Thursday, 7 June 2012
586_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
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पद्म पुराण में आया हैः
ये वदन्ति नरा नित्यं हरिरित्यक्षरद्वयम्।
तस्योच्चारणमात्रेण विमुक्तास्ते न संशयः।
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जो मनुष्य परमात्मा के दो अक्षरवाले नाम
'
हरि
'
का उच्चारण करते हैं, वे उसके उच्चारणमात्र से मुक्त हो जाते हैं, इसमें शंका नहीं है।
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