Friday, 1 June 2012

572_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

हम अपने साथ बुरा करना नहीं चाहते लेकिन हम वही प्रवृत्ति करते रहते हैं जिससे हमारा अहित होता है। हम वे ही पदार्थ चाहते हैं जिससे हमारा ज्ञान दबा रहता है। हम वे ही सुविधाएँ चाहते हैं जिससे हमारा मन दुर्बल हो जाता है..
Pujya Asharam Ji Bapu

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