Saturday, 26 May 2012

560_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

चलो, उठो। छोड़ो देहाभिमान को। दूर फेंको वासनाओं को। शत्रु-मित्र में, तेरे-मेरे में, कारणों के कारण, सबमें छुपा हुआ अपना दैवी स्वभाव निहारो।
Pujya Asharam Ji Bapu

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